वीर सिंह की वीर कहानी

 एक वीर सैनिक, वीर सिंह , को गुप्त मिशन पर सीमा पार दुश्मन के इलाके में भेजा जाता है। उसका लक्ष्य दुश्मन के ठिकाने की जानकारी हासिल करना और उसे पूर्णरूप से नष्ट करना है। रात के अंधेरे में,घने जंगल से होते हुई वह चुपके से सीमा पार करता है।




 दुश्मन के सैनिकों से भरे जंगल में, वीर सिंह अपनी सूझबूझ से उनके गश्ती मार्गों को समझ लेता है। वह पेड़ों की आड़ में छिपता छिपाता होते हुए  और दुश्मन के संदेशों को सुनकर उनकी योजना की जानकारी लेता है। 

दुश्मन का ठिकाना एक गुफा में है, जहां हथियार जमा हैं। वीर सिंह रात को चुपके से गुफा में घुसता है और विस्फोटक लगा देता है। लेकिन, उसे एक दुश्मन सैनिक देख लेता है। वीर सिंह तेजी से सोचता है और सैनिक को बातों में उलझाकर उसका ध्यान भटकाता है। फिर, एक सटीक प्रहार से उसे बेहोश कर देता है। विस्फोटक चालू करने के बाद, वह तेजी से बाहर निकलता है।

गुफा में विस्फोट होता है, और दुश्मन का ठिकाना नष्ट हो जाता है।अब दुश्मन सतर्क हो चुका है। वीर सिंह अपनी बुद्धिमानी से नदी के रास्ते का इस्तेमाल करता है, ताकि उसके पदचिह्न न दिखें। वह नदी में तैरकर सीमा के पास पहुंचता है। अंत में, वह अपने देश की सीमा में प्रवेश करता है, जहां उसके साथी ,भारतीय सैनिक उसका स्वागत करते हैं।

                         भारत माता की जय

सीख: सूझबूझ, साहस, और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से असंभव लगने वाला मिशन भी पूरा किया जा सकता है। देश के प्रति निष्ठा और कर्तव्यनिष्ठा सैनिक की सबसे बड़ी ताकत होती है।

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