नकारात्मक लोगों से दूर रहे

गाँव में एक युवक था, नाम था राहुल। वह मेहनती और सपनों से भरा हुआ था। उसका सपना था कि वह अपने गाँव में एक छोटा-सा स्कूल खोले, जहाँ गरीब बच्चे मुफ्त में पढ़ सकें। राहुल दिन-रात अपने इस सपने के लिए मेहनत करता। वह लोगों से सलाह लेता, किताबें पढ़ता और योजनाएँ बनाता।लेकिन गाँव में कुछ लोग थे, जो हमेशा नकारात्मक बातें करते। उनमें से एक था मंगल चाचा। मंगल चाचा को हर बात में कमी नजर आती थी।

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जब राहुल ने उन्हें अपने स्कूल का विचार बताया, तो मंगल चाचा हँस पड़े। "अरे राहुल, तू पागल हो गया है? गाँव में स्कूल कौन चलाएगा? पैसा कहाँ से आएगा? बच्चे तो काम करने जाएँगे, पढ़ने कौन आएगा? ये सब बेकार है!"राहुल ने उनकी बात सुनी, लेकिन मन में ठान लिया कि वह इन नकारात्मक बातों से प्रभावित नहीं होगा। उसने अपने दोस्त सोहन से बात की, जो हमेशा उत्साह से भरा रहता था। सोहन ने कहा, "राहुल, तू बस अपने सपने पर ध्यान दे। जो लोग हर समाधान में समस्या ढूँढते हैं, वे कभी आगे नहीं बढ़ते। तू मेहनत कर, मैं तेरे साथ हूँ।"राहुल ने मंगल चाचा जैसे नकारात्मक लोगों से दूरी बना ली। 

वह उनसे सलाह लेना बंद कर दिया और अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहा। उसने गाँव के कुछ शिक्षित लोगों से मदद माँगी, छोटी-छोटी चंदा राशि इकट्ठा की और एक पुराने घर को स्कूल में बदल दिया। सोहन ने बच्चों को लोक पढ़ाने के लिए स्वयंसेवक ढूँढे। धीरे-धीरे, गाँव के बच्चे स्कूल आने लगे।एक साल बाद, राहुल का स्कूल गाँव में मशहूर हो गया। बच्चे खुशी-खुशी पढ़ने आते थे। मंगल चाचा एक दिन स्कूल के बाहर खड़े थे। 

उन्होंने राहुल को बुलाया और कहा, "मुझे लगा था तू असफल हो जाएगा, लेकिन तूने तो कमाल कर दिया।"राहुल मुस्कुराया और बोला, "चाचा, अगर मैं आपकी नकारात्मक बातों में फँस जाता, तो ये स्कूल कभी नहीं बनता। मैंने सीखा कि जो लोग हर समाधान में समस्या ढूँढते हैं, उनसे दूर रहना ही बेहतर है।"सीख: नकारात्मक लोग आपके सपनों को कमजोर कर सकते हैं। उनसे दूरी बनाएँ और अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। सकारात्मक सोच और मेहनत से हर मुश्किल आसान हो जाती है |

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